सीबीआई की इतनी ख़राब हालत क्यों है? हर कोई इसे बंद पिंजरे का तोता क्यों कहता है? एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा था। फिर जब भी मौक़ा मिला तब अन्य राजनीतिक दल भी कहने लगे। ममता बनर्जी भी कुछ ऐसा ही आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। कुछ ऐसे ही आरोप अखिलेश यादव, मायावती, पी चिदंबरम, चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता भी लगाते रहे हैं। इन्होंने सीबीआई की कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए। वे आरोप लगाते हैं कि काफ़ी लंबे समय से ये मामले ठंडे बस्ते में थे, लेकिन ऐन लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सीबीआई पर विपक्षी दलों और सरकारों को परेशान करने का कोई राजनैतिक दबाव है? तो इनके आरोपों में कितनी सच्चाई है? पढ़िए, एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ सीबीआई की कैसे चल रही है कार्रवाई।