कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अपने गठबंधन दल की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार पर हमला किया है। कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने पवार को "लालची" कहा और उद्योगपति गौतम अडानी के साथ उनकी तस्वीर साझा की। इस पर बीजेपी की ओर से भी हमला हुआ और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने जवाब दिया।
अलका लांबा ने ट्विटर पर गौतम अडानी के साथ शरद पवार की एक तस्वीर साझा करते हुए कहा- डरे हुए लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं। देश के लोगों की लड़ाई एक अकेला
@RahulGandhi लड़ रहा है - पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी।
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यह सारा विवाद शरद पवार के अडानी पर बयान के बाद शुरू हुआ। अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के संदर्भ में जब कांग्रेस ने जेपीसी जांच की मांग की तो शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने उसका समर्थन किया। लेकिन पिछले दो दिनों से शरद पवार ने अडानी पर अपना स्टैंड बदल लिया है। एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा कि अडानी के खिलाफ जेपीसी जांच की कोई जरूरत ही नहीं है। उसके मुकाबले सुप्रीम कोर्ट के पैनल की जांच ज्यादा विश्वसनीय रहेगी। पवार ने यह बयान अगले दिन भी दिया। शरद पवार के इस बयान से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस अभियान को धक्का लगा, जो उन्होंने अडानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए चलाया था। अडानी के खिलाफ सबसे पहले राहुल गांधी ने बोलना शुरू किया।
बहरहाल, कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा के ट्विटर पोस्ट के बाद बीजेपी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने फडणवीस ने शरद पवार का बचाव किया।
फडणवीस ने लिखा -
राजनीति आएगी और जाएगी लेकिन कांग्रेस नेता द्वारा 35 साल के अपने लंबे समय से सहयोगी और भारत के सबसे वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं में से एक और महाराष्ट्र के 4 बार के सीएम पर यह ट्वीट भयावह है। राहुल गांधी भारत की राजनीतिक संस्कृति को विकृत कर रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने लिखा - मैं हैरान हूं। क्या यह कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति है। अलका लांबा ने शरद पवार जी पर एक अविश्वसनीय हमला किया है। उन्होंने उन्हें लालची और कायर बताया है। एक महाराष्ट्रीयन के रूप में मैं बहुत हैरान हूं।
मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और बाद में संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने दावा किया था कि पीएम मोदी और गौतम अडानी के बीच गहरे संबंध हैं।
उन्होंने यह भी पूछा था कि- अडानी की शेल कंपनियों में अचानक 20,000 करोड़ रुपये आ गए हैं, यह पैसा कहां से आया है? इनमें से कुछ कंपनियां रक्षा कंपनियां हैं। हमारे ड्रोन और मिसाइल डेवलपमेंट पर किसका पैसा खर्च किया जा रहा है? रक्षा मंत्रालय यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है?
हालांकि राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से इस जानकारी के स्रोत का खुलासा नहीं किया। उनके आरोप हाल ही में फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के साथ मेल खाते हैं, जिसने भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रेषण डेटा का विश्लेषण किया और बताया कि हाल के वर्षों में अडानी समूह में सभी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का लगभग आधा हिस्सा उनके परिवार से जुड़ी मारीशस रूट की कंपनियों से आया है। समझा जाता है कि राहुल गांधी उसी की बात कर रहे हैं।
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