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नीतीश के साथ खड़गे और राहुल गांधीः विपक्षी एकता की पुरानी तस्वीर

'नीतीश जी बहुत बिजी' कहकर क्या कांग्रेस जेडीयू प्रमुख को बेनकाब कर रही?

इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग बिहार में कोई मसला नहीं थी। जेडीयू-आरजेडी की सीट शेयरिंग मीटिंग के बाद कांग्रेस को 6-7 सीटें देने की बात कही गई थी। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति नहीं जताई थी। इंडिया गठबंधन की बैठक में बाकी दल ही नीतीश को संयोजक बनाए जाने के खिलाफ थे। लेकिन बाद में नीतीश ने खुद ही यह पद छोड़ दिया। लेकिन कांग्रेस की ओर से उन्हें पेशकश थी कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस ने शनिवार को यह भेद खोल दिया कि वो पिछले कई दिनों से नीतीश से संपर्क करने की कोशिश कर रही थी लेकिन नीतीश को व्यस्त बताया गया। यह बहुत उल्लेखनीय बयान है। इससे संकेत यही मिल रहा है कि जिस इंडिया गठबंधन को खड़ा करने में नीतीश ने सूत्रधार की भूमिका निभाई थी, अब वही उससे तोड़ने में लगे हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन वो बहुत व्यस्त थे, इसलिए उनके बीच कोई बातचीत नहीं हो सकी। यह टिप्पणी तब आई है जब नीतीश कुमार और उनकी जेडीयू एक बार फिर एनडीए में जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। यह घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।

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जयराम रमेश ने कहा- "बिहार से कुछ बयान आ रहे हैं कि वहां नई मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा। कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक के रूप में बिहार भेज रही है। जहां तक ​​मुझे पता है, बघेल जी आज रात पटना पहुंचेंगे।" 

रमेश ने कहा- “मैं आपको बता सकता हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई बार नीतीश कुमार से बात करने की कोशिश की है। लेकिन उन्होंने अभी तक बात नहीं की है। जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें फोन किया तो नीतीश कुमार व्यस्त थे। जब नीतीश कुमार खड़गे जी को बुलाते हैं तो खड़गे जी कुछ मीटिंग में होते हैं. मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर मत देखिए। नीतीश कुमार जी ने भी वापस फोन किया।” जयराम रमेश ने कहा- मैं लोगों को याद दिलाना चाहूंगा कि विपक्षी नेताओं की पहली बैठक 23 जून, 2023 को पटना में हुई थी। बिहार के मुख्यमंत्री बैठक के मेजबान थे। दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जहां इस गुट को अपना नाम इंडिया मिला। 'उस बैठक में भी नीतीश कुमार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी।''

कांग्रेस नेता ने कहा कि इंडिया गठबंधन को मजबूत करना हर पार्टी की जिम्मेदारी है। और कांग्रेस इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अखिलेश यादव ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है। हमारी ओर से, अशोक गहलोत जी, अखिलेश यादव के साथ इस मुद्दे को संभाल रहे हैं। 

नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन के शिल्पियों में से एक बताते हुए, जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया एक राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन है। इसके निर्माताओं में से एक नीतीश कुमार हैं, सह-आर्किटेक्ट ममता बनर्जी हैं। वे जानते हैं कि यह एक राष्ट्रीय गठबंधन है और स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दों पर प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। कांग्रेस और वामपंथियों के बीच हर मिनट गर्म शब्दों का आदान-प्रदान होता है, फिर भी वामपंथी इंडिया गठबंधधन का हिस्सा हैं। 

खड़गे ने क्या कहाः बिहार में राजनीतिक अनिश्चितता के बीच, कर्नाटक के कलबुर्गी में मौजूद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मुझे जेडीयू के इंडिया गठबंधन से बाहर जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनके मन में क्या है यह स्पष्ट नहीं है। मैं कल (रविवार) देहरादून और फिर दिल्ली की यात्रा कर रहा हूं। मैं पूरी जानकारी लूंगा और फिर आपको (मीडिया) जानकारी दूंगा।''

खड़गे ने पत्रकारों से कहा कि "महागठबंधन की कोशिश सभी को एकजुट करने की है। मैंने ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव और सीताराम येचुरी से बात की है। अगर हम एकजुट होते हैं, तो हम अच्छी लड़ाई लड़ेंगे और इंडिया गठबंधन सफल होगा। जो लोग लोकतंत्र को बचाने में रुचि रखते हैं, वे अपना मन और इच्छा नहीं बदलेंगे। हमारे साथ रहो।''

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बिहार के मुकाबले यूपी में सीट शेयरिंग को मुश्किल समझा जा रहा था, वहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कांग्रेस से 11 सीटें देते हुए समझौते का ऐलान कर दिया। अखिलेश ने ट्वीट करके समझौते का ऐलान किया। एक तरह से नीतीश कुमार को संकेत भेजने के लिए ही अखिलेश ने यह घोषणा की है। इसी तरह आरजेडी भी बिहार में कांग्रेस नेताओं के संपर्क में लगातार है। बिहार में दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बिहार से खबरें हैं कि कांग्रेस नेता पूर्व सीएम जीतनराम मांझी से संपर्क कर रहे हैं। अगर मांझी मान गए तो नीतीश को कांग्रेस रोक देगी।
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क़मर वहीद नक़वी
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