अशोक गहलोत ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि 'दिल की पीड़ा बता रहा हूँ'। वैसे तो यह बात गहलोत ने कुछ और संदर्भ में कही, लेकिन उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर यही कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या उन्होंने अपनी पीड़ा बताने के लिए प्रेस कॉन्फ़्रेंस की? और यदि ऐसा नहीं है तो फिर उन्होंने क़रीब पौने एक घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की?