दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कांग्रेस को कमजोर करने के लिए क्या उनकी जरूरत है। केजरीवाल ने पूछा कि क्या राहुल गांधी इसके लिए काफी नहीं हैं। केजरीवाल का कुछ ही दिनों में कांग्रेस पर यह एक और बड़ा हमला है। केजरीवाल ने यह बात एनडीटीवी के टाउन हॉल कार्यक्रम में कही।
‘कांग्रेस खत्म हो गई’
केजरीवाल ने कुछ दिन पहले गुजरात में आम आदमी पार्टी के प्रचार के दौरान भी ऐसा ही एक हमला किया था। जब एक पत्रकार ने केजरीवाल से सवाल पूछा था कि कांग्रेस का कहना है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार विज्ञापन में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और उसके पास तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं है।
इस पर केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस अब खत्म हो गई है और उनके सवालों को लेना आप बंद कर दीजिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोई भी उनके सवालों की परवाह नहीं करता।
विपक्षी एकता पर सवाल
केजरीवाल का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एनसीपी के मुखिया शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव उर्फ केसीआर लगातार विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की कवायद में जुटे हैं। निश्चित रूप से इस तरह के बयानों की वजह से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की कवायद औंधे मुंह गिर जाएगी।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले क्या अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के साथ आएंगे या अकेले चलेंगे, इस बारे में एनडीटीवी की ओर से सवाल पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि इस देश के नेताओं को इकट्ठा करने से देश नंबर 1 नहीं बनेगा बल्कि 130 करोड़ लोगों का गठबंधन करने से देश नंबर वन बनेगा। केजरीवाल ने कहा कि वह किसी के भी खिलाफ नहीं हैं लेकिन जोड़-तोड़ की राजनीति और गठबंधन उनके समझ में नहीं आता। केजरीवाल ने कुछ महीने पहले भी इस बात को साफ किया था कि आम आदमी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस की कीमत पर विपक्षी एकता नहीं हो सकती। जयराम रमेश ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के उभार के लिए जहां ममता बनर्जी की टीएमसी जिम्मेदार है, वहीं केरल में सीपीएम और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
कांग्रेस का आप पर हमला
कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा था कि दिल्ली मॉडल एक विज्ञापन का मॉडल है और आम आदमी पार्टी का मतलब है अरविंद एडवर्टाइजमेंट पार्टी। उन्होंने कहा था कि हम जितनी जल्दी इस बात को समझ जाएंगे यह उतना ही भारत की राजनीति के लिए बेहतर होगा।
अजय कुमार ने कहा था कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार को काम से कोई मतलब नहीं है। दिल्ली में कोई नया अस्पताल नहीं बना है, कोई नया स्कूल नहीं बना है और ये लोगों को बेवकूफ बना रही है।
दिग्विजय ने बताया था बी टीम
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम बताया था। उसके बाद एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी और नीतीश कुमार पर निशाना साधा था और कहा था कि ये दोनों नेता पहले बीजेपी के साथ थे।
दिल्ली और पंजाब
2013 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनी थी और यह सिर्फ 49 दिन ही चली थी। दिल्ली और पंजाब दो ऐसे राज्य हैं जहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार के आने के बाद कांग्रेस की बुरी हालत हो चुकी है। दिल्ली में तो 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शून्य सीट मिली थी जबकि 2022 में पंजाब में भी उसका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का आमने-सामने आना बताता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें एक मंच पर ला पाना विपक्षी नेताओं के लिए मुश्किल होगा।
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