ऐसे समय जब देश के तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार के एकाधिकारवादी रवैये को लोकतंत्र के लिए ख़तरा मानते हुए कोई रास्ता खोज रहे हैं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ‘बीजेपी और कांग्रेस को एक’ बताकर हैरान कर दिया है। सवाल उठता है कि यूपी में 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ चुके अखिलेश यादव अपने इस बयान को लेकर वाक़ई गंभीर हैं? या फिर भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस के पक्ष में बन रहा माहौल उनके अंदर असुरक्षा भाव भर रहा है?
बीजेपी-कांग्रेस को एक बता कर ग़लती कर रहे हैं अखिलेश?
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आखिर कैसे बीजेपी और कांग्रेस को एक बताया है, इसके पीछे क्या आधार है, क्या समाजवादी पार्टी इसे साबित कर पाएगी?
साठ के दशक में समाजवादी पुरोधा डा.राममनोहर लोहिया ने ‘ग़ैर-कांग्रेसवाद’ का सिद्धांत देते हुए ‘कांग्रेस को हराने के लिए शैतान से भी हाथ मिलाने’ की वक़ालत की थी। इसी क्रम में वे जनसंघ को भी साथ लेने को तैयार हो गये थे।
नतीजा ये हुआ कि 1967 में कई राज्यों में गैरकांग्रेसी सरकारें बनीं। ये सरकारें तो ज़्यादा दिन नहीं चलीं लेकिन इस प्रयोग ने आरएसएस और जनसंघ को नये सिरे से वैधता प्रदान की। आगे चलकर 1977 और 1989 में कांग्रेस को हराने के नाम पर बने गठबंधनों में भी इन्हें अच्छी-ख़ासी हिस्सेदारी दी गयी और आखिरकार ये देश की सत्ता पर क़ाबिज़ हो गये।
नतीजा ये हुआ कि 1967 में कई राज्यों में गैरकांग्रेसी सरकारें बनीं। ये सरकारें तो ज़्यादा दिन नहीं चलीं लेकिन इस प्रयोग ने आरएसएस और जनसंघ को नये सिरे से वैधता प्रदान की। आगे चलकर 1977 और 1989 में कांग्रेस को हराने के नाम पर बने गठबंधनों में भी इन्हें अच्छी-ख़ासी हिस्सेदारी दी गयी और आखिरकार ये देश की सत्ता पर क़ाबिज़ हो गये।