उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अभूतपूर्व और ऐतिहासिक चुनावी जीत में एक मुख्यमंत्री और एक उप मुख्य मंत्री कैसे चुनाव हार गये ? पुष्कर सिंह धामी और केशव प्रसाद मौर्य हारकर भी जीते हैं और मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो चुके हैं।
जाहिर तौर पर उनसे पार्टी के ही कई ऐसे लोग डरते थे जो उनको हराने या बनाने में सक्षम हैं। और जरा भी राजनीति समझने वाले को ऐसे लोगों की पहचान करना मुश्किल नहीं है।
क्या योगी की सरकार पर अंकुश लगाने की व्यवस्था हो गयी?
- विचार
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- अरविंद मोहन
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- 30 Mar, 2022


अरविंद मोहन
सम्भवत: ब्रजेश पाठक और स्वतंत्र देव सिंह योगी की पसन्द से ताकतवर बने हैं लेकिन केशव प्रसाद मौर्य, अरविंद कुमार शर्मा, जितिन प्रसाद और नए मंत्रियों की फौज से आलाकमान ने योगी की भी पर्याप्त घेरेबन्दी कर दी है।
केशव प्रसाद मौर्य को पिछले चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष बनाना और उनको मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बताने की कोशिश करना, ज़रूरी था गैर-यादव पिछडों का वोट भाजपा की तरफ लाने के लिये। लेकिन इससे बडी सच्चाई ये है कि चुनाव नतीजे आते ही बैकडोर से मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ। कोरोना के बाद मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा जब चली तब मौर्य कहा करते थे कि मुख्यमंत्री का फैसला बाद में होगा।
अरविंद मोहन
अरविंद मोहन वरिष्ठ पत्रकार हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।