दिल्ली में सरकारी कामकाज संभालने के 48 घंटे में ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्ववर्ती आप यानी आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली का सरकारी खजाना खाली कर देने का आरोप लगाकर महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं सहित गर्भवती माताओं की उम्मीदों को करारा झटका दिया है। इसी तरह एलजी यानी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का पिछला कार्यकाल भी दिल्ली विधानसभा में उनके अभिभाषण की घोषणाओं पर ठोस अमल की कोई उम्मीद नहीं जगाता। उन्होंने बीजेपी के 10 चुनावी संकल्प पूरे करने पर जोर दिया है लेकिन दिल्ली में सब्सिडी की रक़म 2024-25 में ही 10,995 करोड़ रुपए पार कर चुकी है।
दिल्ली की महिलाओं को मासिक 2500 रुपये मिलेंगे या नहीं?
- विचार
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- 29 Mar, 2025

दिल्ली में बीजेपी सरकार महिलाओं को मासिक 2500 रुपये देने सहित अन्य गारंटियों के अपने वादे को क्यों पूरा नहीं कर पा रही है? क्या इन गारंटियों को पूरा करने के लिए टैक्स बढ़ाना होगा?
केंद्रशासित प्रदेश होने के कारण दिल्ली सरकार सीधे बाजार से कर्ज नहीं उठा सकती और राजस्व घाटा बढ़ते ही प्रशासक के वित्तीय अधिकार छिन जाने की तलवार भी लटकी हुई है। पिछली सरकार द्वारा साल 2025-26 के बजट अनुमानों में 8159 करोड़ रुपए का घाटा आंका गया था जो ‘मोदी की गारंटी’ से पहले की बात थी। अब नई वित्तीय सहायता योजनाएँ लागू होने पर दिल्ली सरकार का घाटा सालाना 25,000 करोड़ रुपए तक बढ़ जाने की आशंका है जिसकी भरपाई मुख्यमंत्री के लिए बिना कर बढ़ाए कर पाना असंभव होगी।