भोपाल गैस त्रासदी को विश्व की सबसे भीषणतम औद्योगिक त्रासदी के रूप में जाना जाता है। तात्कालिक तौर पर लगभग दो हज़ार और अब तक क़रीब 25 हज़ार लोगों की अकाल मृत्यु की ज़िम्मेदार वह त्रासदी आज भी औद्योगिक विकास के रास्ते पर चल रही दुनिया के सामने एक सवाल बनकर खड़ी हुई है। इंसान को तमाम तरह की सुख-सुविधाओं के साजो-सामान देने वाले सतर्कताविहीन या कि ग़ैर-ज़िम्मेदाराना विकास का यह रास्ता कितना मारक हो सकता है, इसकी मिसाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 35 बरस पहले भी देखने को मिली थी और अब भी देश के अलग-अलग हिस्सों में छोटे-बड़े स्तर पर अक्सर देखने को मिलती रहती है।