दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों का डंका पीटने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका अपने ही आंगन में गोरे पुलिसकर्मी के घुटने तले दम घुटने से अफ्रीकी अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद समता, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकारों की रक्षा में नाकामी के कारण कठघरे में है। यह बात दीगर है कि जनाक्रोश के दबाव में मुल्जिम पुलिसकर्मी डेरेक शॉविन को गिरफ्तार करके उस पर तीसरे दर्जे के हत्या एवं नरसंहार के आरोप चस्पा किए गए हैं। शॉविन सहित चार पुलिसवालों को निलंबित करके मामले की जांच शुरू कर दी गई है। यह घटना मिनियापोलिस में हुई।
नस्लीय हिंसा पर क्यों उबल रहा है अमेरिका?
- विचार
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- 1 Jun, 2020

जॉर्ज फ्लॉयड के गोरे पुलिस अधिकारी के घुटने तले दम तोड़ने के बाद अमेरिका हिंसा की चपेट में आ गया। लेकिन यह बहस खड़ी हुई है कि अश्वेतों से गैर-बराबरी का भाव कब ख़त्म होगा।
क्षेत्रफल के हिसाब से महादेश कहलाने वाले तमाम जनसंस्कृतियों से युक्त इस देश के आधे से ज्यादा राज्य आजकल नस्लीय नफरत के विरोध की आग में जल रहे हैं।