28 अगस्त की शाम को मैं एक टीवी डिबेट में था। मसला था - राहुल गाँधी की कश्मीर पर की गई टिप्पणी को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को भेजी अपनी शिकायती चिठ्ठी में उद्धृत किया था। इसके आधार पर बीजेपी और टीवी एंकरों ने राहुल की लानत-मलानत करनी शुरू कर दी थी। यह साबित करने का प्रयास शुरू कर दिया गया था कि राहुल पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। राहुल ने अपना स्पष्टीकरण भी दिया लेकिन हमला तीख़ा और तीख़ा होता चला गया। यही विषय था जिसपर मुझे बहस के लिये बुलाया गया था।