सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को रद्द कर दिया है, जिसमें यह मांग की गई थी कि केंद्र सरकार उसे पिछड़ी जातियों के आंकड़े उपलब्ध कराए ताकि वह अपने स्थानीय चुनावों में महाराष्ट्र के पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दे सके। केंद्र सरकार ने 2011 में जो व्यापक जन-गणना करवाई थी, उसमें नागरिकों की समााजिक-आर्थिक स्थिति पर भी आंकड़े इकट्ठे किए गए थे।