सर्वोच्च न्यायालय के एक अत्यंत महत्वपूर्ण फ़ैसले पर देश के अखबारों और चैनलों का बहुत कम ध्यान गया है। फ़ैसले का मैं इसलिए स्वागत करता हूं क्योंकि यह देश से जातिवाद को ख़त्म करने में बहुत मदद करेगा। फ़ैसला यह है कि आप किसी भी सरकार को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। हमारे देश में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रथा चली आ रही है। सरकारी नौकरियों में इनकी संख्या इनके अनुपात में काफी कम है। उनके साथ सदियों से अन्याय होता रहा है।