राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव ने गोवा में ऐसी बात कह दी है, जो सच्चे हिंदुत्व को परिभाषित करने में बहुत मदद कर सकती है। श्री सुरेश जोशी, जिन्हें देश भय्याजी जोशी के नाम से जानता है, मोहन भागवत के बाद संघ के सबसे ऊँचे अधिकारी हैं। उनसे एक संगोष्ठी में किसी ने पूछा कि ‘क्या आरएसएस सांप्रदायिक नहीं है?’’ उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक वह हो सकता है, जिसकी एक ही पूजा-पद्धति हो, एक ही भगवान हो, एक ही किताब हो, एक ही तरह का मंदिर हो।’’
क्या हिंदू के अलावा सभी धर्म साम्प्रदायिक हैं?
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- 12 Feb, 2020

भय्याजी जोशी ने कहा कि सांप्रदायिक वह हो सकता है, जिसकी एक ही पूजा-पद्धति हो, एक ही भगवान हो, एक ही किताब हो, एक ही तरह का मंदिर हो। भय्याजी जोशी की बात का यह अर्थ भी लगाया जा सकता है कि ईसाई, मुसलमान, पारसी और यहूदी सांप्रदायिक हैं। हाँ, हैं। तो इसमें बुरा क्या है? कोई विदेशी मूल के धर्म को मानता है तो उसको विदेशभक्त मान लेना उचित नहीं है। यदि वह भारत में पैदा हुआ है तो वह भारत माँ का पुत्र है।