राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव ने गोवा में ऐसी बात कह दी है, जो सच्चे हिंदुत्व को परिभाषित करने में बहुत मदद कर सकती है। श्री सुरेश जोशी, जिन्हें देश भय्याजी जोशी के नाम से जानता है, मोहन भागवत के बाद संघ के सबसे ऊँचे अधिकारी हैं। उनसे एक संगोष्ठी में किसी ने पूछा कि ‘क्या आरएसएस सांप्रदायिक नहीं है?’’ उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक वह हो सकता है, जिसकी एक ही पूजा-पद्धति हो, एक ही भगवान हो, एक ही किताब हो, एक ही तरह का मंदिर हो।’’