भारत को राजनीतिक रूप से एकताबद्ध करने में मुग़लों के ‘गौरवशाली’ इतिहास को याद करते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने नवंबर 1944 को टोक्यो युनिवर्सिटी में शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा-“अशोक के क़रीब एक हज़ार साल बाद भारत एक बार फिर गुप्त वंश के सम्राटों के राज्य में उत्कर्ष के चरम पर पहुँच गया। उसके नौ सौ साल बाद एक बार फिर भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय मुग़ल काल में आरंभ हुआ। इसलिए यह याद रखना चाहिए कि अंग्रेजों की यह अवधारणा कि हम राजनीतिक रूप में एक केवल उनके शासन काल में ही हुए, पूरी तरह ग़लत है।”
(पेज 274, खंड-12, नेताजी संपूर्ण वाङ्मय, प्रकाशन विभाग, भारत सरकार।)
मुग़ल गार्डन का नाम बदलने पर नाराज होते सुभाष चंद्र बोस ?
- विचार
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- 30 Jan, 2023

बीजेपी-आरएसएस को मुगल शब्द से चिढ़ है। अंग्रेजों की बनाई बिल्डिंग में उद्यान का नाम सिर्फ मुगलों के नाम पर है। मुग़ल गार्डन का नाम बदलना बताता है कि यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों के भारत की हत्या का प्रयास है। नेताजी का नाम जपना बस इस गुनाह को छिपाने की कोशिश है।