भारत को राजनीतिक रूप से एकताबद्ध करने में मुग़लों के ‘गौरवशाली’ इतिहास को याद करते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने नवंबर 1944 को टोक्यो युनिवर्सिटी में शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा-“अशोक के क़रीब एक हज़ार साल बाद भारत एक बार फिर गुप्त वंश के सम्राटों के राज्य में उत्कर्ष के चरम पर पहुँच गया। उसके नौ सौ साल बाद एक बार फिर भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय मुग़ल काल में आरंभ हुआ। इसलिए यह याद रखना चाहिए कि अंग्रेजों की यह अवधारणा कि हम राजनीतिक रूप में एक केवल उनके शासन काल में ही हुए, पूरी तरह ग़लत है।”

(पेज 274, खंड-12, नेताजी संपूर्ण वाङ्मय, प्रकाशन विभाग, भारत सरकार।)