“स्वराज चंद लोगों के सत्ता प्राप्त कर लेने से नहीं आयेगा बल्कि उन सभी के प्रतिरोध की क्षमता हासिल करने से आयेगा जिससे कि वे सत्ता का दुरुपयोग होने पर उसका प्रतिरोध कर सकें” - महात्मा गाँधी
सोनम वांगचुक गिरफ़्तार यानी जयंती पर गाँधी की आत्मा पर मोदी का प्रहार!
- विचार
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- 2 Oct, 2024

सोनम वांगचुक की हिरासत का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुँच गया है जहाँ गुरुवार को सुनवाई होगी। बेहतर हो कि हाईकोर्ट इसे सिर्फ़ एक व्यक्ति नहीं, प्रतिवाद के लोकतांत्रिक अधिकार का मामला समझकर विचार करे। सरकार से इस पर कड़े सवाल करे।
महात्मा गाँधी का ये अमर वाक्य आज भी किताबों में दर्ज है। लेकिन विदेश में ‘गाँधी के देश’ का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गाँधी के स्वराज की परिभाषा को अपने दफ़्तर के कूड़ेदान में फेंक दिया है। जब पूरी दुनिया महात्मा गाँधी के 155वें जन्मदिन पर सत्य और अहिंसा को लेकर किये गये उनके महान प्रयोग को याद कर रही है तो दिल्ली में राजघाट पर उनकी समाधि संगीनों के साये में सिसक रही है। गेट पर सरकारी ताला लगा है और वहाँ पहुँचने की कोशिश कर रहे गाँधी के अनुयायियों के साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। आज़ादी के अमृतकाल में मोदी सरकार आज़ादी के विचार के सामने ‘काल’ बनकर खड़ी है।