भारत विभाजन के बाद से ही उसके लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों और संगठनों की फ़ेहरिस्त बनाए जाने का सिलसिला चल रहा है। इस काम में सबसे ज़्यादा सक्रियता नेहरू और काँग्रेस विरोध की राजनीति करने वालों ने किया है। यही वज़ह है कि विभाजन के गुनहगारों में भी इन्हीं दोनों का नाम सबसे ज़्यादा लिया जाता है। इसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना और अँग्रेज़ी हुकूमत को भी निशाने पर लिया जाता है। हो सकता है कि इस भयानक हादसे में इन सबकी भूमिका भी रही हो, मगर इस क्रम में सबसे बड़े अपराधी बच निकलते हैं और उनमें से एक विनायक दामोदर सावरकर थे।
भारत के विभाजन के लिये सावरकर कितने ज़िम्मेदार?
- विचार
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- 14 Aug, 2023

भारत के विभाजन की नींव किसने रखी? दो राष्ट्र का सिद्धांत किसने दिया? जानिए, हिंदुत्व के आइकॉन सावरकर की इसमें क्या भूमिका थी?
सावरकर के हिंदुत्ववाद के सिद्धांत और उनके नेतृत्व में हिंदू महासभा ने ऐसे हालात बनाने का काम किया जिससे भारत का विभाजन वार्ताओं की मेज़ पर बैठने से पहले ही तय हो गया था।
दो राष्ट्र के सिद्धांत के लिए अकसर दुर्भावना से या अज्ञानतावश जिन्ना को श्रेय दे दिया जाता है, जबकि उन्होंने तो इसका केवल इस्तेमाल किया और वह भी बहुत बाद में। हिंदू और मुसलमान दो अलग क़ौम हैं और दोनों एक साथ नहीं रह सकते, इसे सैद्धांतिक तौर पर गढ़ने वाले और कोई नहीं सावरकर थे।