भारत विभाजन के बाद से ही उसके लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों और संगठनों की फ़ेहरिस्त बनाए जाने का सिलसिला चल रहा है। इस काम में सबसे ज़्यादा सक्रियता नेहरू और काँग्रेस विरोध की राजनीति करने वालों ने किया है। यही वज़ह है कि विभाजन के गुनहगारों में भी इन्हीं दोनों का नाम सबसे ज़्यादा लिया जाता है। इसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना और अँग्रेज़ी हुकूमत को भी निशाने पर लिया जाता है। हो सकता है कि इस भयानक हादसे में इन सबकी भूमिका भी रही हो, मगर इस क्रम में सबसे बड़े अपराधी बच निकलते हैं और उनमें से एक विनायक दामोदर सावरकर थे।