एक बड़े राज्य की राज्यपाल ने सस्ते भोजन की महत्ता बताते हुए एक समारोह में कहा कि भोजन मिले तो कोई अपराध नहीं करना चाहेगा। इस वाक्य का तर्कशास्त्रीय विस्तार करें तो इसके कई मतलब निकलते हैं। जैसे- अपराध केवल गरीब करता है क्योंकि वही भूखा होता है या जो अपराध संपन्न वर्ग करता है वह अपराध नहीं होता क्योंकि उसे करने वाला भूखा नहीं होता।