प्रजातान्त्रिक-धर्मनिरपेक्ष भारत के इतिहास में पहली बार नागपुर के 'राष्ट्र-संत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय' के पाठ्यक्रम में आरएसएस का अध्ययन शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार बी.ए. (इतिहास द्वितीय वर्ष) के कोर्स 'भारत का इतिहास (1885-1947)' में से ‘भारत में साम्प्रदायिकता का उदय और विकास’ हटा कर 'राष्ट्र निर्माण में आरएसएस की हिस्सेदारी' के अध्ययन को शामिल किया गया है। यह परिवर्तन क्यों किया गया इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।