यह अकारण नहीं है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है। बलिदान करने वाले लोग संघ की निगाह में बहुत ऊंचा स्थान नहीं रखते। संघ का मानना है कि जो संघर्ष करते हुए अपना न्योछावर कर देते हैं, निश्चित रूप से उनमें कोई त्रुटि होगी।
आरएसएस का इतिहास पार्ट 2 : तिरंगे और संविधान का विरोध किया था संघ ने
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- 10 Jul, 2019

नागपुर विश्वविद्यालय ने इतिहास के सिलेबस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक को पढ़ाने का फ़ैसला किया है। 'राष्ट्र निर्माण में आरएसएस' की भूमिका को बी. ए, द्वितीय वर्ष में शामिल किया गया है। हक़ीकत यह है कि आरएसएस ने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया था, जब आज़ादी के दीवाने डंडे-गोली खा रहे थे, संघ के लोग घरों में बैठे थे। क्या ये बातें भी पढाई जाएँगी? पढ़िए इस सिरीज का दूसरा हिस्सा।