यह अकारण नहीं है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आज़ादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है। बलिदान करने वाले लोग संघ की निगाह में बहुत ऊंचा स्थान नहीं रखते। संघ का मानना है कि जो संघर्ष करते हुए अपना न्योछावर कर देते हैं, निश्चित रूप से उनमें कोई त्रुटि होगी।