आरएसएस से स्नातक हुए और अब बीजेपी के महासचिव राम माधव ने भारत में 25 जून 1975 में आपातकाल राज की 45वीं बरसी पर यह दावा किया है कि देश में प्रजातंत्र बचा हुआ है क्योंकि ‘सरकार चला रहे नेता (आरएसएस-बीजेपी से जुड़े) उनमें से हैं जिन्होंने (आपातकाल के ख़िलाफ़) आज़ादी की लड़ाई लड़ी। वे उदारवादी प्रजातान्त्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित हैं, किसी मजबूरी की वजह से नहीं बल्कि एक धर्मसिद्धान्त के तौर पर।’ ये दोनों दावे सफ़ेद झूठ हैं क्योंकि आरएसएस-बीजेपी राज में एक तरह से अघोषित आपातकाल लागू है जिसका शिकार, आम लोग, राजनैतिक/सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, मज़दूर/छात्र/महिला/शिक्षक/किसान संगठन, दलित, अल्पसंख्यक समुदाय, यहाँ तक कि अदालतें भी हो रही हैं।