पंजाब में इस वक़्त यह चर्चा भी चल रही है कि ‘पीपुल्स महाराज’ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्या जनता का समर्थन भी खो दिया है? ‘पीपुल्स महाराजा’ खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह की बायोग्राफ़ी का शीर्षक है। पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 80 में से 78 विधायकों का शामिल होना क्या इस बात का संकेत माना जा सकता है कि अब विधायक या जनता उनके साथ नहीं हैं? क्या अब कैप्टन  इतना अपमानित होने के बाद भी कांग्रेस में रहेंगे? उस प्रदेश अध्यक्ष के साथ जिनकी वजह से उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी या फिर क्या अब वे उस कांग्रेस आलाकमान का आदेश मानेंगे जिनके साथ उनके 50 साल से ज़्यादा पुराने रिश्ते रहे हैं।