सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और भागीदारी मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर ने यह कहकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है कि असदुद्दीन ओवैसी भी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकते हैं बशर्ते कि वह पहले उत्तर प्रदेश के मतदाता बन जाएँ। उन्होंने तर्क दिया है कि अगर अजय कुमार बिष्ट नाम के व्यक्ति उत्तराखंड से आकर योगी आदित्यनाथ के नाम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर असदुद्दीन ओवैसी ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। उनका यह भी कहना है कि मुसलमान होना कोई गुनाह नहीं है। मुख्यमंत्री बनने का जितना हक़ एक हिंदू को है उतना ही एक मुसलमाान के बेटे को भी है।
यूपी छोड़िए, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के सीएम क्यों नहीं बन पाए ओवैसी?
- विचार
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- 5 Jul, 2021

महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में ओवैसी ने दो मुद्दे मुख्य तौर पर उठाए। पहला, विधानसभा में मुसलमानों की नुमाइंदगी बढ़ाने का और दूसरा, सत्ता में हिस्सेदारी हासिल करने का। इन दोनों ही मुद्दों पर वह अपने गृह राज्य में पूरी तरह नाकाम रहे हैं।
राजभर की बात सही है। उनके तर्क भी अकाट्य हैं। लेकिन कुछ बुनियादी सवाल खड़े होते हैं। क्या किसी राज्य में आकर मात्र मतदाता बनने से कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पद का दावेदार उम्मीदवार हो सकता है? अगर ऐसा है तो फिर 2012 में डॉक्टर अयूब प्रदेश के मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन पाए? जबकि उनकी पीस पार्टी के साथ ओमप्रकाश राजभर की ‘सुभासपा’ और ‘अपना दल’ का भी गठबंधन था। डॉ. अय्यूब उत्तर प्रदेश के मतदाता भी थे। राजभर भी उनके साथ थे फिर वो उन्हें मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनवा पाए? ज़ाहिर है कि वो मुख्यमंत्री बनने लायक सीटें नहीं जीत पाए थे।