राहुल गांधी ने उन्नाव की घटना के माध्यम से जो संदेश दलित समाज को देने की कोशिश की, वह बेशकीमती है। लेकिन, उससे बेशकीमती है दलितों के लिए रोडमैप जिसे लेकर राहुल सामने नहीं आए। हालांकि राहुल गांधी के संदेश का महत्व तब तक बना रहेगा जब तक कि दलित समाज के लोग इस भावना से ऊपर नहीं उठ जाते कि उन पर जुल्म करने वालों पर जवाबी हमला करने की परिणति दलित समाज में ही पुनर्जन्म तय है।