महामारी ऐसा संकटकाल है जिससे हम उम्मीद तो यही करते हैं कि इससे विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा लेकिन कई बार इसका उलटा होता हुआ भी दिखता है। कई बार अचानक ही वैज्ञानिक सोच अपने ज्ञान की सीमाओं को समझते हुए बेबस खड़ी दिखाई देती है और अवैज्ञानिक सोच हंगामा करने लगती है।