राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत की न्याय-प्रणाली के बारे में ऐसी बातें कह दी हैं, जो आज तक किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने नहीं कही। वे जबलपुर में न्यायाधीशों के एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने क़ानून, न्याय और अदालतों के बारे में इतने पते की बातें यों ही नहीं कह दी हैं। वह स्वयं लगभग 50 साल पहले जब कानपुर से दिल्ली आए तो उन्होंने क़ानून की शिक्षा ली थी। राजनीति में आने के पहले वह ख़ुद वकालत करते थे। उन्हें अदालतों के अंदरुनी दांव-पेंचों की जितनी जानकारी है, प्रायः कम ही नेताओं को होती है।