ताजा ख़बर यह है कि उत्तराखंड के सभी मंदिरों में अब यह प्रतिबंध लगेगा कि उनमें कोई मुसलमान नहीं जा सकता। क्यों नहीं जा सकता? इसके उत्तर में हिंदू युवा वाहिनी के लोगों का अपना तर्क है। वे कहते हैं कि इन मंदिरों में पहुंचकर मुसलमान लड़के हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
मंदिरों में दूसरे धर्मों के लोगों के आने पर प्रतिबंध क्यों?
- विचार
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- 23 Mar, 2021

मैं तो भगवान से बड़ा इंसान को मानता हूं। सभी इंसानों की खुशी और भला ही सबसे बड़ा धर्म है। सारे धर्म और धर्मग्रंथ ईश्वरकृत हैं, इसमें भी मुझे संदेह होने लगा है लेकिन इनका आदर इसलिए ज़रूरी है कि इनके मानने वालों के लिए आपके दिल में प्रेम और सम्मान है। वह पूजा-गृह भी क्या पूजा-गृह है, जहां किसी अन्य पूजा-पद्धतिवालों का प्रवेश-निषेध हो?
यदि सचमुच ऐसा होता है तो यह बहुत बुरा है लेकिन इनसे कोई पूछे कि क्या यही काम अन्य स्थानों पर नहीं होता होगा? यदि होता है तो देश के स्कूलों-कालेजों, मोहल्लों, बाजारों, अस्पतालों, सड़कों आदि में हर जगह पर इस प्रतिबंध की मांग ये लोग क्यों नहीं करते? ये प्रतिबंध हर जगह लगवाइए और आप देश में एक नए पाकिस्तान की नींव डाल दीजिए।