क्या यूपी पुलिस का दूसरा नाम देवकीनंदन खत्री है? क्या वह 'चंद्रकांता' रुपी अपने एफ़िडेविट को देश की सर्वोच्च अदालत के सामने इस विश्वास से रख सकती है कि ‘अदालत’ अपने आँख और कान पर पट्टी बांधकर तिलिस्म, रहस्य और रोमांच से भरी एनकाउंटर की उस ‘गाथा’ को सहज स्वीकार कर लेगी जिस पर देश का अदना सा आदमी भी रत्ती भर यक़ीन करने को तैयार नहीं हो सकता।