क्या यूपी पुलिस का दूसरा नाम देवकीनंदन खत्री है? क्या वह 'चंद्रकांता' रुपी अपने एफ़िडेविट को देश की सर्वोच्च अदालत के सामने इस विश्वास से रख सकती है कि ‘अदालत’ अपने आँख और कान पर पट्टी बांधकर तिलिस्म, रहस्य और रोमांच से भरी एनकाउंटर की उस ‘गाथा’ को सहज स्वीकार कर लेगी जिस पर देश का अदना सा आदमी भी रत्ती भर यक़ीन करने को तैयार नहीं हो सकता।
विकास दुबे कांड: सुप्रीम कोर्ट में दायर पुलिस एफ़िडेविट किस ग्रेड की फ़िल्मी कथा?
- विचार
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- 22 Jul, 2020

उत्तर प्रदेश का दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एनकाउंटर पर पुलिस ने जो एफ़िडेविट देश की सर्वोच्च अदालत के सामने परोसा है, वह मुम्बइया फ़िल्मी कथा की तरह है। रहस्य और रोमांच से भरी एनकाउंटर की ‘गाथा’ वाली यह फ़िल्म किस ग्रेड की निकली, इसका फ़ैसला सुधि दर्शक ही करें।
गैंगस्टर विकास दुबे 'एनकाउंटर' मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी द्वारा 'सर्वोच्च न्यायालय' के समक्ष 16 जुलाई 2020 को दायर 58 पेज का यह एफ़िडेविट एक मुम्बइया फ़िल्मी कथा की भाँति हमारे सामने से गुज़रता है। फ़िल्म किस ग्रेड की निकली, इसका फ़ैसला सुधि दर्शकों के विवेक पर छोड़ते हैं, वे इसका आकलन कथा की समाप्ति पर कर सकते हैं। आइये अवस्थी साहब के 'एफ़िडेविट' के क्रमानुसार समूची कथा को बाँचा जाये-