आश्चर्य व्यक्त नहीं किया जाना चाहिए अगर हिमाचल और कर्नाटक की पराजयों से निराश हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों (राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) में लड़ाई तो विधानसभा चुनावों के लिए लड़ते दिखाई दे रहे हों पर अपने लिए रणनीतिक हथियारों का ज़ख़ीरा छह महीने बाद ही होने वाले लोकसभा के महासंग्राम के लिए जमा कर रहे हों! देश को पता है कि मोदी के लिए दोनों में ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या है!