प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना विषाणु (वायरस) का मुक़ाबला करने के लिए देशवासियों को जो संदेश दिया, वह बहुत ही प्रेरक और सामयिक था। यह वैसा ही था, जैसे कि 1965 में प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जनता से कहा था कि सप्ताह में एक दिन उपवास करें। अब इस रविवार को पूरा भारत बंद रहेगा, यह अपने आप में अपूर्व घटना होगी। नरेंद्र भाई को यही अपील दक्षिण एशिया के सभी राष्ट्रों से भी करनी चाहिए थी। वह अब भी यह कर सकते हैं। दक्षिण एशिया के सभी राष्ट्र, ईरान और बर्मा सहित हमारे आर्य-परिवार के सदस्य हैं।
जनता कर्फ्यू: तालियाँ-थालियाँ बजाने की उत्सवी मुद्रा से बेहतर होगा राष्ट्रीय मौन
- विचार
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- 22 Mar, 2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनता कर्फ्यू का संदेश बहुत ही प्रेरक और सामयिक था। लेकिन संकट की इस घड़ी में करोड़ों मज़दूर, किसान, छोटे व्यापारी, कर्मचारी वगैरह अपना रोज़मर्रा का ख़र्च कैसे चलाएँगे? प्रधानमंत्री चाहें तो 23 करोड़ 53 लाख राशन कार्ड वाले लोगों और 33 करोड़ प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खातेवाले लोगों को एक-दो माह के लिए हज़ार-दो हज़ार रुपये की सहायता कर सकते हैं।