बांग्लादेश के निर्माण के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कह कर सबको हैरान कर दिया कि ढाका की मुक्ति के सत्याग्रह में उन्होंने हिस्सा लिया था और इसके लिए वह जेल भी गए थे। हालाँकि प्रधानमंत्री के इस दावे पर भारत में लगातार सवाल खड़े होने शुरू हो गए, लेकिन यह मानना अतिरेक होगा कि जिस कार्यक्रम में ख़ुद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना वाजेद मौजूद थीं, वहाँ प्रधानमंत्री ने कोई ग़लतबयानी की होगी।