प्रतिपक्ष की संसदीय भूमिका को लेकर किसी भी प्रधानमंत्री के लिए अपशब्द कहना शोभाजनक नहीं है। लेकिन, वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने विपक्ष के प्रति सम्मानजनक शब्दों के प्रयोग से दूरी बनाये रखने का संकल्प-सा ले रखा है। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही प्रतिपक्ष ने दोनों सदनों में सिर्फ चर्चा की मांग की थी। लेकिन, मोदी जी ने उसे ठुकराते हुए फैसला दे दिया, ”नकारे गए लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं।” यह मोदी -उवाच  प्रधानमंत्री पद की गरिमा को लजानेवाला है। हांलाकि, वे अपनी चुनावी सभाओं में इससे भी लज्जाजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कुख्याति अर्जित कर चुके हैं। उनके अशोभनीय चुनावी -उवाचों को यहां दोहराने की ज़रूरत नहीं है। उनकी भाषण शैली से  अपभाषाण -संस्कृति की गंध आती है। लेकिन, उनके ताज़ा उवाच पर कुछ याद दिलाने की दरकार है।