राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के अभिभाषण की सबसे ख़ास बात क्या है? संभवतः पहली बार उन्होंने अपनी किसी भूल को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है। उन्होंने बहुत स्पष्ट कहा कि देश को किसी भी सूरत में लॉकडाउन से बचाया जाना चाहिए। लॉकडाउन बस अंतिम विकल्प होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आख़िर मानी अपनी महाभूल!
- विचार
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- 21 Apr, 2021

राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के अभिभाषण की सबसे ख़ास बात क्या है? संभवतः पहली बार उन्होंने अपनी किसी भूल को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है। उन्होंने बहुत स्पष्ट कहा कि देश को किसी भी सूरत में लॉकडाउन से बचाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री को यह ज्ञान कहाँ से आया? निस्संदेह उस पहले लॉकडाउन के अनुभव से, जिसे उन्होंने मार्च के महीने में अचानक एक रात देश पर पहले पंद्रह दिन के लिए थोप दिया था और बाद में इसे और बढ़ाया था।
वह लॉकडाउन इस देश के लाखों- बल्कि- करोड़ों लोगों के लिए कितना भयावह साबित हुआ- इसके असली आँकड़े सामने आने बाक़ी हैं। जब वे आएंगे तो शायद हम पाएँगे कि वाक़ई लॉकडाउन ने इस देश का कोरोना से ज़्यादा नुक़सान किया, यह बहुत सारे लोगों के लिए जानलेवा साबित हुआ। बहुत सारे लोगों की इसने दशकों से जमी गृहस्थी उजाड़ दी, लोगों से उनका क़ारोबार छीन लिया। और यह लॉकडाउन तब आया था जब देश में कोरोना के मामले तीन अंकों से आगे नहीं बढ़े थे।