2001 में न्यूयार्क और वाशिंगटन की इमारतों को यात्री विमानों से तहस-नहस कर देने वाले 9/11 के कुख्यात आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के विभिन्न ठिकानों पर मिसाइल से हमले किये थे। तब से 19 सालों तक तालिबान के ख़िलाफ़ लड़ते हुए 24 सौ से अधिक अमेरिकी सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस दौरान अमेरिका को दस ख़रब डालर ख़र्च करने पड़े। लेकिन अमेरिका आज उसी तालिबान के साथ समझौता कर अफ़ग़ानिस्तान से अपनी जान छुड़ा कर भागने के लिये मजबूर है।