इस समय संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, जिसमें तीन दिन के भीतर दोनों सदनों के 27 विपक्षी सदस्यों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया जा चुका है। इन विपक्षी सांसदों का गुनाह यह है कि वे सदन में महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपए की गिरती कीमत का मुद्दा उठा कर सरकार से जवाब चाहते थे। चूंकि विपक्ष के इन सवालों का सरकार के पास कोई समाधानकारक जवाब है नहीं, लिहाजा नियमों का हवाला देकर और उनकी मनमानी व्याख्या कर इन सवालों को उठाने से रोक दिया गया। जिन सदस्यों ने नियमों के हवाले से ही इन मुद्दों पर बहस के जोर दिया उन्हें सदन की मर्यादा भंग करने का दोषी करार देकर निलंबित कर दिया गया।
संसद नहीं चलने का फायदा किसे होता है?
- विचार
- |
- |
- 1 Aug, 2022
देश की जिस संसद में अहम मुद्दों पर बात होना चाहिए, वहां गतिरोध जारी है। एक करीब 8-9 दिनों से संसद चल रही है लेकिन सरकार महंगाई जैसे मुद्दे पर बहस नहीं होने दे रही है। लेकिन यह अफसोसनाक बात है कि संसद न चलने देने का आऱोप विपक्ष पर लगाया जा रहा है। हकीकत ये है कि संसद नहीं चलने देने में सरकार को ही फायदा है।
