प्रसिद्ध मनोचिकित्सक कालरा और भूगरा का कहना है कि “यौन हिंसा उन संस्कृतियों में अधिक आम है जो पुरुषों की श्रेष्ठता और महिलाओं की सामाजिक और सांस्कृतिक हीनता की धारणा को बढ़ावा देती हैं”। भुवनेश्वर, ओडिशा में स्थित भरतपुर पुलिस थाने में घटी घटना इसकी पुष्टि करती है। पिछले रविवार, 15 सितंबर, को एक महिला वकील, रेस्टोरेंट की मालिक और इंडियन आर्मी के कैप्टन की मंगेतर के साथ थाने में जो घटित हुआ वो विचलित करने वाला है। हर क्षेत्र में महिलाओं की तमाम सफलताओं के बावजूद पुरुषों में व्याप्त श्रेष्ठता की भावना और महिलाओं को हीन समझने का दृष्टिकोण व्यापक आपदा का रूप धारण कर चुका है।
महिला सुरक्षा और थानों में बढ़ते भेड़िये!
- विचार
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- 24 Sep, 2024

ओडिशा के भरतपुर पुलिस थाने में इंडियन आर्मी के कैप्टन की मंगेतर के साथ जो घटित हुआ वो क्या सामान्य घटना है? आख़िर पुलिस तंत्र पर लगातार सवाल क्यों उठ रहे हैं?
हर तरह से सशक्त यह महिला अपने मंगेतर के साथ जब थाने में कुछ गुंडों की शिकायत करने जाती है तो उसे पुलिस स्टेशन में यौन हिंसा का शिकार होना पड़ता है। पीड़िता कहती हैं कि- जब उन्होंने भुवनेश्वर स्थित भरतपुर थाने में जाकर उन गुंडों की शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की तो थाने में मौजूद महिला कर्मियों ने उनकी बात नहीं सुनी। जब मैंने अपनी शिकायत पर जोर डाला और अपनी परेशानी को लेकर बोलना शुरू किया तो पुलिस ने मेरे मंगेतर को कस्टडी में ले लिया और जब मैंने विरोध किया तो “दो महिला अधिकारियों ने मेरे बाल खींचना शुरू कर दिया और मुझे पीटना शुरू कर दिया। जब मैंने उनसे रुकने की विनती की तो वो मुझे थाने के गलियारे से घसीटकर ले गए”।