उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तीन दिन तक दंगों का नंगा नाच चलता रहा। कई जगहों पर पुलिस हमलों में दंगाइयों का साथ देती नज़र आई। लगातार हिंसक झड़पें, पथराव और आगज़नी की ख़बरें आती रहीं। दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। इस सबके बीच मुसलमानों के मसीहा बनने वाले राहुल गाँधी और अरविंद केजरीवाल से लेकर अखिलेश यादव और मायावती तक चुप्पी साधे रहे। प्रियंका गाँधी ज़रूर दंगों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सड़कों पर उतरीं।