जाति जनगणना की माँग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। नीतीश इसके ज़रिए अति पिछड़ों और अति दलितों को फिर से अपनों खेमे में लाने का दाँव चल रहे हैं। नीतीश ने इस सदी की शुरुआत में अपनी राजनीति को अति पिछड़ों और अति दलितों पर केंद्रित करना शुरू कर दिया था। इसी के बूते लालू यादव को पछाड़ कर 2010 में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुँचे लेकिन विधानसभा के पिछले चुनाव में उनका यह आधार दरकता हुआ नज़र आया। नतीजे के तौर पर उनकी पार्टी बीजेपी से भी पीछे खिसक कर तीसरे पायदान पर पहुँच गयी। नीतीश के पाला बदल कर आरजेडी के साथ जाने से डरी हुई बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री तो बना दिया लेकिन इस बार वो काफ़ी दबाव में दिखाई दे रहे हैं।