लद्दाख के सीमांत पर भारत और चीन की फ़ौजें अब मुठभेड़ की मुद्रा में नहीं हैं। पिछले दिनों 5-6 मई को दोनों देशों की फ़ौजी टुकड़ियों में जो छोटी-मोटी झड़पें हुई थीं, उन्होंने चीनी और भारतीय मीडिया के कान खड़े कर दिए थे। दोनों तरफ़ के कुछ सेवा-निवृत्त फ़ौजियों और पत्रकारों ने ऐसा माहौल बना दिया था, जैसे कि भारत और चीन में कोई बड़ी मुठभेड़ होनेवाली है। इस मुठभेड़ के साथ नेपाल को भी जोड़ दिया गया। भारत-नेपाल सीमा विवाद को लेकर कई अतिवादी तेवर सामने आ गए। इस तिकोनी लड़ाई को भारत सरकार ने जिस परिपक्वता के साथ संभाला, वह सराहनीय है।
नेपाल का रवैया मच्छर मारने के लिए पिस्तौल चलाने-जैसा?
- विचार
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- 11 Jun, 2020

भारत तश्तरी में रखकर ये क्षेत्र नेपाल को भेंट कर देगा क्या? क्या नेपाल के पास इतनी ताक़त है कि वह इस क्षेत्र पर अपना फ़ौजी क़ब्ज़ा जमा लेगा? यह ठीक है कि भारत ने इस मुद्दे पर बातचीत में बहुत देर लगा दी है लेकिन बातचीत शुरू करवाने के लिए यह संवैधानिक दबाव बनाना क्या मच्छर मारने के लिए पिस्तौल चलाने-जैसा अतिवाद नहीं है?