क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा का चुनाव हार रहे हैं? यह सवाल काफ़ी लोगों को नागवार गुज़रेगा पर इस सवाल को पूछने का सही वक़्त आ गया है। इसका कारण है मोदी का वह बयान जिसमें वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के पिता राजीव गाँधी पर भद्दी टिप्पणी करते हैं। ऐसी टिप्पणी जिसकी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति से उम्मीद नहीं की जाती। मोदी, राहुल गाँधी पर तंज कसते-कसते सारी मानवीय सीमायें लाँघ जाते हैं। एक रैली में वह कहते हैं - ‘आपके पिताजी को आपके राज-दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन बना दिया था। लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नम्बर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया।’ मोदी यह बात बोफ़ोर्स कांड के संदर्भ में कह रहे थे।

जिस तरह के शब्दों का चयन प्रधानमंत्री मोदी ने राजीव गाँधी के लिए किया है वह बेहद अशोभनीय है। वह आदमी जो इस दुनिया में नहीं है, आज अपने पक्ष में कुछ नहीं कह सकता उसके लिये यह भाषा उचित नहीं है। और यहीं पर यह सवाल खड़ा होता है कि आख़िर मोदी निहायत ही घटिया टिप्पणी करने पर क्यों उतर आये हैं?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।