लालकृष्ण आडवाणी ब्लॉग लिख कर बीजेपी और मोदी जनता पार्टी (मोजपा) का फर्क बता रहे हैं। मोजपा में महानेता की तनिक सी भी आलोचना ऐंटी नेशनल होने का पर्याय है, तो आडवाणी जी अपनी भारतीय जनता पार्टी याद कर रहे हैं जिसके विरोधी, विरोधी ही माने जाते थे, ऐंटी नेशनल नहीं। राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे, दुश्मन नहीं। हालाँकि यह बात सौ फ़ीसदी सच नहीं है।

आडवाणीजी की सक्रियता के दिनों में ही स्वयं मैंने अपने घर के दरवाजे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आक्रामक जुलूस झेला है, जिसका मुख्य नारा यही था - “ऐंटी नेशनल पुरुषोत्तम अग्रवाल मुर्दाबाद…।”