भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल देश के नाम अपने संदेश में माफ़ी माँगी। यह पहली बार होगा कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर किसी से माफ़ी माँगी होगी क्योंकि माफ़ी तो तब माँगी जाती है जब आप कोई ग़लती करें या आप मानें कि आपने कोई ग़लती की है। मोदी तो कभी ग़लती करते नहीं। करते हैं तो मानते नहीं। फिर क्षमायाचना किस बात की?
क्या मोदी ने वाक़ई किसानों से माफ़ी माँगी है?
- विचार
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- 20 Nov, 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से नहीं बल्कि देश के लोगों से माफ़ी माँगी है, वह भी यह कहकर कि इतने अच्छे क़ानून उनकी सरकार को इसलिए वापस लेने पड़ रहे हैं क्योंकि ‘कुछ’ किसान अपने हित में लाए गए इन क़ानूनों की अच्छाई और सच्चाई नहीं समझ सके।
क्या उन्होंने कभी गुजरात दंगों के लिए माफ़ी माँगी जो इस कारण हुई कि उनकी सरकार ने गोधरा आगज़नी में मरे कारसेवकों की लाशों के साथ जुलूस निकालने की अनुमति दे दी? क्या उन्होंने नोटबंदी के लिए माफ़ी माँगी जिससे देश को धेले भर का फ़ायदा नहीं हुआ मगर लाखों कल-कारखाने बंद हो गए, करोड़ों लोगों का रोज़गार छिन गया?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश