अमित शाह के हवाले से जानकारी छपी है कि शिवराज सिंह (और वसुंधरा राजे) की आगामी भूमिका चुनावों के बाद तय होगी ! शिवराज एक अनुभवी राजनेता हैं। वे जानते हैं कि इस तरह के सवाल या तो किए जाएँगे या करवाए जाएँगे ! इसीलिए लगभग उसी दौरान जब 17 नवम्बर को मतदान प्रारंभ होने ही वाला था, शिवराज ने ‘मन की बात’ उजागर कर दी कि पार्टी जो भी ज़िम्मेदारी देगी स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। ‘निवृत्तमान’ मुख्यमंत्री को पता है कि पार्टी अगर जीत गई तो उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा और हार गई तो आलाकमान यानी प्रधानमंत्री उन्हें किन ज़रूरी कामों में लगा सकते हैं !