भारतीय जनता पार्टी के लोग हमेशा ही पिछली ग़ैर भाजपाई सरकारों पर अल्पसंख्यकों ख़ासकर मुसलिमों का तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते रहे हैं। और इसी दुष्प्रचार की बदौलत देश के बहुसंख्य हिन्दू समाज को अपने पक्ष में गोलबंद करने का काम बीजेपी दशकों से करती रही है। मिसाल के तौर यदि यूपीए सरकार के दौर में हज पर जाने वाले यात्रियों को सब्सिडी दी जाती थी तो उसे यह तुष्टिकरण बताते थे।
वह करें तो तुष्टिकरण और यह करें तो सद्भाव?
- विचार
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- 6 Apr, 2022

पूर्व की सरकारों में मुसलिम समुदाय के लिए उठाए गए कदमों को तुष्टिकरण बताने वाले बीजेपी तथा आरएसएस अब उससे भी आगे बढ़कर कदम उठा रहे हैं। इसे तुष्टिकरण कहा जाए या सद्भाव?
कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री यदि ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की अजमेर शरीफ़ स्थित दरगाह अथवा किसी अन्य पीर फ़क़ीर की दरगाह पर सद्भावना के तहत अपनी ओर से मज़ार पर चढ़ाने के लिये चादर भेजता था तो वह भी इनकी 'परिभाषा ' के अनुसार तुष्टिकरण था।
मदरसों को प्रोत्साहित करने हेतु बनने वाली योजनाएं 'तुष्टिकरण'। यहाँ तक कि रमज़ान के दिनों में यदि कहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या कोई मंत्री रोज़ा इफ़्तार का आयोजन करता था तो उसे भी 'तुष्टिकरण ' ही बताया जाता था।
मदरसों को प्रोत्साहित करने हेतु बनने वाली योजनाएं 'तुष्टिकरण'। यहाँ तक कि रमज़ान के दिनों में यदि कहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या कोई मंत्री रोज़ा इफ़्तार का आयोजन करता था तो उसे भी 'तुष्टिकरण ' ही बताया जाता था।