बीजेपी को इसके जन्म बल्कि इसके पूर्ववर्ती अवतार जनसंघ के समय से ही व्यापारी समर्थक पार्टी माना जाता है। आज की किसान समस्या के लिए जो लोग सिर्फ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार मान रहे हैं वो ये भूल गए हैं मोदी सिर्फ़ अपनी पार्टी की पुरानी नीतियों को लागू कर रहे हैं। बीजेपी के लिए व्यापारी अब भी राजनीति के केंद्र में हैं।

मंडी क़ानून में संशोधन करके सरकार ने किसान को कहीं भी सामान बेचने की छूट दी है। वास्तविकता ये है कि सिर्फ़ छह प्रतिशत अनाज ही मंडियों में बिकता है। पंजाब और हरियाणा के किसान मंडियों का ज़्यादा फ़ायदा उठाते हैं। इसलिए इन राज्यों में किसान आंदोलन सबसे ज़्यादा प्रभावी है। इस क़ानून में बदलाव करते समय सरकार ने ये ध्यान में नहीं रखा है कि मंडी के बाहर एमएसपी को लागू कैसे किया जाएगा।
मोदी ने सामंती विचारधारा से धंधा करने वाले कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को अपने साथ ज़रूर जोड़ा है, जो अब व्यापार में भी अपना वर्चस्व चाहते हैं। सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थकों द्वारा फैलाई जा रही अफ़वाहों को सही मानें तो व्यापारियों और उद्योगपति से एकाधिकारी व्यापारी बनाने की तरफ़ बढ़ रहे इसी छोटे समूह का टकराव किसान संकट की जड़ में नज़र आएगा।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक