किसी राष्ट्र के प्रधानमंत्री होने के सुख और उसकी अनुभूति का शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता। वह राष्ट्र अगर दुनिया के करीब दो सौ मुल्कों में सबसे ज़्यादा आबादी वाला लोकतांत्रिक देश भारत हो तो फिर उसके प्रधानमंत्री के मुंह से निकलने वाला प्रत्येक शब्द इतिहास बन जाता है। उन शब्दों की विश्वसनीयता को चुनौती देने का जोखिम भी मोल नहीं लिया जा सकता।