केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रचार तंत्र तथा मीडिया के एक बड़े हिस्से के ज़रिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 'पप्पू’ के तौर पर प्रचारित कर रखा है। कहा जाता है कि इस प्रचार की निरंतरता बनाए रखने के लिए बीजेपी काफ़ी बड़ी धनराशि ख़र्च करती है। बीजेपी के तमाम नेता और केंद्रीय मंत्रियों का अक्सर कहना रहता है कि वे राहुल गांधी की किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन होता यह है कि राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी सरकार के ख़िलाफ़ जब भी कुछ बोलते हैं, आरोप लगाते हैं या सरकार को कुछ सुझाव देते हैं तो सरकार के कई मंत्री और बीजेपी के तमाम प्रवक्ता उसका जवाब देने के लिए मोर्चा संभाल लेते हैं।