संसद के विशेष सत्र को लेकर रहस्य और रोमांच अब सामने आने लगा है। नयी संसद में पुराने मुद्दों पर विधेयक लाकर केंद्र सरकार ने पहली बार विवेकपूर्ण कार्य किया है। कांग्रेस द्वारा रोपे गए तुलसी के इस पौधे को भाजपा ने मजबूरी में ही सही लेकिन न सिर्फ अपनाया बल्कि उसमें पानी भी देने का साहस दिखाया है।

क्या महिला आरक्षण विधेयक से बीजेपी को बहुत बड़ा फायदा होगा? जानिए, आख़िर मोदी सरकार द्वारा इसको संसद में पेश किए जाने के क्यों कयास लगाए जा रहे हैं।
देश की आधी आबादी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल करने की मांग और कोशिश नई नहीं है। देश की जनता को तमाम महत्वपूर्ण अधिकारों से लैस करने वाली कांग्रेस ने लम्बे समय तक देश में सत्ता करते हुए महिलाओं को उनका अधिकार देने की पहल भी की लेकिन देश की राजनीति में उदारता न होने से ये कोशिश नाकाम रही। सरकारें आती-जाती रहीं लेकिन कोई इस अधिकार को क़ानूनी जामा पहनाने में कामयाब नहीं हुआ। अब लगता है कि देश की महिलाओं का सपना पूरा होगा क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मुद्दे पर शायद एक राय होकर इस विधेयक को पारित करने में सहयोग कर दें।