सुप्रीम कोर्ट के सीधे हस्तक्षेप के बावजूद कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं अभी भी बहाल नहीं हो पाई हैं। ज्यादातर इलाक़ों में ब्रॉडबैंड पांच महीनों (अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद) से पूरी तरह ठप हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में दिये गये महत्वपूर्ण निर्देशों की अवहेलना जारी है। कश्मीर के प्रबुद्ध व आम लोगों से बातचीत करने पर पता चलता है कि जिस समीक्षा का आदेश उच्चतम न्यायालय ने सरकार को दिया था, उसकी खानापूर्ति भी उन्हें कहीं दिखाई नहीं दे रही। सब कुछ जस का तस है। इस पत्रकार ने कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों की समीक्षा और इंटरनेट बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश तथा दिशा-निर्देश को लेकर कश्मीर में रह रहे कुछ लोगों से बातचीत की। दिल्ली में सरकार कुछ भी दावा करे लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त से यह पूरी तरह दूर है।