आज वास्तविकता यह है कि हाल की घटनाओं के कारण हमारी जनता का हमारी न्यायपालिका में विश्वास कम होता जा रहा है। इस परिस्थिति में मैं एक न्यायाधीश, क़ाज़ी सिराजुद्दीन, बंगाल के क़ाज़ी-ए-सूबा, के बारे में बताना चाहूँगा क्योंकि इससे कई ईमानदार न्यायाधीश जो अभी भी भारतीय न्यायपालिका में मौजूद हैं, को प्रेरणा मिलेगी।